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GoM ने दी मंजूरी: बदल रहा GST ढांचा — क्या सरकारी खजाने को लगेगा बड़ा झटका?

 

GoM ने दी मंजूरी: बदल रहा GST ढांचा — क्या सरकारी खजाने को लगेगा बड़ा झटका?

GoM ने दी मंजूरी: बदल रहा GST ढांचा — क्या सरकारी खजाने को लगेगा बड़ा झटका?

भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद से लगातार सुधार और बदलाव देखने को मिले हैं। अब हाल ही में हुई बैठक में मंत्रियों के समूह (GoM) ने कुछ अहम संशोधनों पर अपनी मंजूरी दे दी है, जिनका सीधा असर न केवल कारोबारियों और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा बल्कि सरकारी राजस्व यानी खजाने पर भी बड़ा असर डाल सकता है। सवाल यह है कि क्या यह बदलाव सरकार के राजस्व को मजबूत बनाएंगे या फिर खजाने को बड़ा झटका देंगे? आइए विस्तार से समझते हैं।

GST ढांचे में हो रहे बदलाव

GST प्रणाली को पहले ही कई बार सरल बनाया जा चुका है, लेकिन व्यापारियों की लगातार शिकायतें, कर चोरी के मामले और राजस्व घाटे को देखते हुए सरकार इस पर और सुधार करना चाहती है। GoM की रिपोर्ट के मुताबिक अब रेट स्ट्रक्चर को और व्यवस्थित किया जाएगा। कुछ सेवाओं और उत्पादों पर टैक्स स्लैब बदले जाएंगे ताकि टैक्स कलेक्शन और पारदर्शिता दोनों बढ़ सकें।

उपभोक्ताओं पर प्रभाव

नए ढांचे का असर सीधे आम लोगों की जेब पर भी पड़ सकता है। अगर कुछ रोजमर्रा की वस्तुओं या सेवाओं पर टैक्स दरें बढ़ाई जाती हैं तो इससे महंगाई का दबाव बढ़ेगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में टैक्स दरें कम की जाएंगी, वहां राहत भी मिलेगी। उदाहरण के तौर पर पैकेज्ड फूड, कपड़ा उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टर इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

कारोबारियों की चिंता

व्यापारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती हमेशा से ही GST कंप्लायंस रही है। रिटर्न फाइलिंग की जटिलता, इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़ी दिक्कतें और बार-बार बदलते नियम छोटे और मझोले व्यापारियों को परेशान करते रहे हैं। GoM द्वारा सुझाए गए नए बदलाव इन प्रक्रियाओं को आसान बनाने की दिशा में होंगे तो कारोबारियों को राहत मिलेगी। लेकिन अगर टैक्स दरें बढ़ती हैं, तो लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालना ही उनकी मजबूरी होगी।

सरकारी खजाने पर असर

अब सबसे अहम सवाल यह है कि क्या इन बदलावों से सरकारी खजाने को फायदा होगा या नुकसान? विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स चोरी पर लगाम लगने और सिस्टम में पारदर्शिता आने से राजस्व वसूली में सुधार होगा। हालांकि शुरुआती दौर में सरकार को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि कारोबारियों को नए ढांचे में एडजस्ट होने में समय लगेगा।

भविष्य की दिशा

GST ढांचे में यह सुधार केवल राजस्व बढ़ाने के नजरिए से ही नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसका उद्देश्य पूरे टैक्स सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी, डिजिटल और निवेशक-हितैषी बनाना है। यदि यह बदलाव सही ढंग से लागू होते हैं तो सरकार को ज्यादा टैक्स कलेक्शन मिलेगा, जिससे विकास परियोजनाओं को वित्तीय मजबूती मिल सकती है।


निष्कर्ष

GoM की मंजूरी के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में GST ढांचा बदलने वाला है। इसका असर सरकार, कारोबारियों और आम जनता—सभी पर पड़ेगा। राजस्व कलेक्शन बढ़ाने और टैक्स चोरी रोकने की कोशिशें जरूर होंगी, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बदलावों का अंतिम असर महंगाई और सरकारी खजाने पर कैसा पड़ता है।

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